School College Holidays : देशभर में भारी बारिश और बाढ़ ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी बीच सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 5 दिन तक स्कूल और कॉलेज बंद रखने का ऐलान किया है। यह फैसला बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है। बढ़ते जलस्तर और लगातार हो रही बारिश के चलते बिहार और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में आपातकालीन आदेश लागू किए गए हैं।
बिहार में सबसे गंभीर हालात
बिहार राज्य इस समय बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। गंगा, कोसी, बूढ़ी गंडक और बागमती नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। शिक्षा विभाग ने खगड़िया जिले में हालात बिगड़ने पर 65 स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। पहले केवल 32 स्कूल बंद किए गए थे, लेकिन पानी बढ़ने पर 33 और स्कूलों को बंद करना पड़ा।
वहीं, पटना के दीयारा इलाके में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते प्रशासन ने 49 स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में बिहार के और भी जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद हो सकते हैं।
मुंबई में भी रेड अलर्ट, स्कूल और दफ्तर बंद
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बिहार के अलावा महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भी बारिश की मार झेल रही है। यहां भारी बारिश हुई, जिसके कारण सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और निजी दफ्तरों को बंद रखने का आदेश दिया। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी माना गया।
क्यों जरूरी है स्कूल बंद करना?
विशेषज्ञों का कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी होता है। यह न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की जान बचाने के लिए भी अहम है। यही कारण है कि मौसम विभाग की चेतावनी और स्थानीय प्रशासन की सलाह पर यह निर्णय लिया गया।
त्योहारों से पहले बच्चों को राहत
छात्रों और अभिभावकों के लिए यह फैसला राहत की खबर भी है। आने वाले दिनों में रक्षा बंधन और जन्माष्टमी जैसे त्योहार हैं, ऐसे में छुट्टियों की वजह से बच्चे परिवार के साथ समय बिता पाएंगे। अभिभावकों का मानना है कि लगातार पढ़ाई और स्कूल जाने के दबाव से बच्चों को ब्रेक मिलना जरूरी था।
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आगे क्या होगा?
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में बारिश का दौर जारी रह सकता है। ऐसे में छुट्टियां और भी बढ़ाई जा सकती हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हालात सामान्य होने पर ही स्कूल-कॉलेज दोबारा खोले जाएंगे।
कुल मिलाकर, भारी बारिश और बाढ़ से बिगड़े हालात को देखते हुए सरकार का यह फैसला समय पर उठाया गया कदम है। फिलहाल छात्रों और अभिभावकों को कुछ दिन की राहत जरूर मिलेगी, लेकिन असली चुनौती तब खत्म होगी जब हालात सामान्य होंगे।